सोमवती अमावस्या 2023 की कथा, क्या करना चाहिए और क्या नही

2023 में, सोमवती अमावस्या आज 20 फरवरी 2023 को है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को “सोमवती अमावस्या” या “अमास” के रूप में जाना जाता है।

सोमवती अमावस्या 2023 को भारत में विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस दिन को व्रत रखा जाता है और लोग अपने पूजा स्थलों पर जाकर पूजा करते हैं। अनेक लोग गंगा नदी में नहाकर इस अवसर को मनाते हैं और अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति की कामना करते हैं।

सोमवती अमावस्या 2023 की कहानी या कथा, इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नही जानिए यंहा

इस दिन को कुछ लोग पितृ-तर्पण भी करते हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ लोक से आत्माएं अपने संतानों की ओर अधिक ध्यान देती हैं इसलिए इस दिन पर उन्हें श्राद्ध देना अधिक फलदायक माना जाता है।

सोमवती आमवस्या की कहानी

सोमवती अमावस्या व्रत की कथा हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन लोग अमावस्या के दिन उपवास रखते हैं और इस व्रत के महत्व के पीछे एक रोमांचकारी कथा होती है।

कहते हैं कि कभी-कभी देवी-देवताओं का अनुग्रह पाने के लिए भी इंसान को प्रयास करने की जरूरत पड़ती है। एक ऐसी ही कथा है सोमवती अमावस्या की कथा।

सोमवती अमावस्या की कहानी पुरातन भारतीय धर्म एवं महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में मिलती है।

एक गरीब ब्राह्मण दंपत्ती थे जिनकी एक सर्वगुण सम्पन्न कन्या थी। कन्या जब विवाह के लायक हो गयी तो एक दिन उनके दरवाजे पर एक साधू महराज पधारे।

साधु ने कन्या को लंबी आयु का आशीर्वाद दिया। इसके साथ यह भी बताया कि कन्या की रेखा में विवाह योग नही है। कन्या का विवाह होते ही उसका पति मार जाएगा।

यह सुनते ही कन्या और ब्राह्मण दंपत्ती बहुत दुखी हो गए। उन्होंने साधू महराज से इससे निवारण के उपाय बताने के लिए कहा।

साधू महराज ने कुछ देर ध्यान लगाया और कहने लगे। यंहा से कुछ दूरी पर एक गांव में सोना नाम की एक धोबिन रहती है। यदि कन्या उसकी सेवा करे और वह अपनी मांग का सिंदूर कन्या की मांग में भर दे तो इससे कन्या का विवाह हो जायेगा। इससे कन्या का विधवा योग भी मिट जाएगा और वह सुखी जीवन जियेगी।

सोना धोबिन अपने बेटों और बहू के साथ रहती थी। वह बहुत ही पति पारायण और धर्म-कर्म वाली स्त्री थी।

ब्राह्मणी ने उपाय सुनकर कन्या को सोना धोबिन की सेवा करने के लिए भेजा। कन्या सुबह तड़के ही सोना धोबिन कब घर जाती और सारा काम करके वापस आ जाती थी।

एक दिन सोना धोबिन अपनी बहु से पूछती है। इस समय तुम सुबह बहुत जल्दी उठकर सारा काम कर देती हो। यह सुनकर बहू बोली माजी हमने सोचा आप सारे काम कर देती हो।

इस बात पर दोनों सास और बहू निगरानी करने लगे कि आखिर कौन है। जो सुबह इतनी जल्दी सारा काम करके चला जाता है।

एक दिन धोबिन ने देखा कि एक कन्या सुबह अंधेरे में ही चुपके से आकर सारा काम करती है। जब कन्या जाने लगी तो सोना धोबिन ने उससे पूछा कि तुम कौन हो और हमारे घर का काम क्यों करती हो।

तब कन्या ने साधू महराज की कही हुयी बात सोना धोबिन को बतायी। सोना धोबिन के पति अस्वस्थ थे फिर भी वह मान गयी।

उसने जाकर कन्या को अपनी मांग का सिंदूर दिया और ऐसा करते ही उसका पति मार गया। यह बात उसको पता चल गयी। उस दिन सोमवती अमावस्या थी और वह घर सी बिना कुछ खाये-पिये ही चली थी। सोचा था रास्ते मे पीपल के पेड़ की पूज करके उसकी परिक्रमा कर लेगी।

ब्राह्मण के घर से उसे जो पकवान मील उसके बजाय उसने 108 ईंट के टुकड़ों से पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा की और उसके बाद जल ग्रहण किया। ऐसा करते उसके पति का मुर्दा शरीर मे फिर से जान आ गयी और वह फिर से जीवत हो गया।

सोमवती अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?

सोमवती अमावस्या को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, इस दिन कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। यहाँ कुछ आम सुझाव दिए जा रहे हैं जो आमतौर पर सोमवती अमावस्या के दिन फॉलो किए जाते हैं।

नदी या सागर में स्नान करें

सोमवती अमावस्या के दिन गंगा नदी, यमुना नदी, ब्रह्मपुत्र नदी या अन्य तीर्थ स्थलों में स्नान करना शुभ माना जाता है। इससे आप शुभता की भावना से ओतप्रोत होते हैं और अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति की कामना करते हैं।

पितृ तर्पण करें

अपने पूर्वजों की याद में आप पितृ तर्पण कर सकते हैं और उनकी आत्माओं की शांति की कामना कर सकते हैं।

मंदिर या पूजा स्थलों में जाएं

इस दिन आप मंदिर या पूजा स्थलों में जाकर पूजा और अर्चना कर सकते हैं। आप अपनी इच्छा के अनुसार अपने पसंदीदा देवता की पूजा कर सकते हैं और उनसे आशीर्वाद मांग सकते हैं।

दान करें

इस दिन आप दान देकर अपने परिवार के लिए पुण्य अर्जित कर सकते है। ब्राह्मणों या कन्याओ को भोजन कराकर उन्हें अपनी सामर्थ्य अनुसार दान दे सकते है।

सोमवती अमावस्या के दिन क्या नही करना चाहिए?

सोमवती अमावस्या को धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है जिसे ध्यान में रखते हुए आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

किसी भी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि कार्यों को शुरू न करें

सोमवती अमावस्या के दिन नए कार्य शुरू करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए, किसी भी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि कार्यों को इस दिन शुरू नहीं करना चाहिए।

अनावश्यक वाद-विवाद न करें

सोमवती अमावस्या के दिन वाद-विवाद करना नहीं चाहिए। यदि आपके बीच किसी प्रकार का विवाद है तो उसे इस दिन के बाद सुलझाएं।

शूल व अन्य विकारों का उपचार न करें

सोमवती अमावस्या के दिन शरीर के किसी भी विकार या शूल का उपचार नहीं करना चाहिए।

मासिक धर्म होने पर स्नान न करें

सोमवती अमावस्या के दिन महिलाओं को मासिक धर्म होने पर पवित्र नदियों में स्नान नहीं करना चाहिए।

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